* * उप-निदेशकों की पदोन्नति के लिए डीपीसी संपन्न। * दो तदर्थ निदेशक नियमित भी हुए। *वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों की पदोन्नति के लिए यूपीएससी में डीपीसी की बैठक अब किसी भी दिन।

बुधवार, 1 जनवरी 2020

हँस-हँस गुज़ारा सबने सारा उन्नीस

मित्रो,

2019 का वर्ष संवर्ग के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ है।

हर संवर्ग में कई मुद्दे हमेशा लंबित रहते हैं, सो इस संवर्ग में भी हैं। लेकिन, असली समस्या समय पर पदोन्नति न हो पाने की ही होती है। 


वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों की पदोन्नति में सबसे बड़ी बाधा यह थी कि हमारे सहायक निदेशक पदोन्नत नहीं हो पा रहे थे जिसके कारण उप-निदेशकों के लगभग सारे पद खाली पड़े थे। सामान्य चैनल से पदोन्नत होने के लिए सहायक निदेशकों को लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ती। इस समस्या को सुलझाए बिना उन एसटीओज को पदोन्नत कर पाना भी विभाग के लिए संभव न था जो 20-25 साल से अनुवाद अधिकारी ही बने हुए थे। एसोसिएशन ने इसके लिए विभाग के साथ तो सामंजस्य बनाए रखा ही, अन्य स्तरों पर भी प्रयास किए जिनकी चर्चा फिर कभी। सभी सहायक निदेशकों ने भी एसोसिएशन के साथ बढ़-चढ़कर सहयोग किया। आख़िरकार, 27 सितम्बर को 64 सहायक निदेशकों की आस पूरी हुई और वे उप-निदेशक के रुप में पदोन्नत हुएः


इस आदेश के कारण 2015 में नियमित हुए सहायक निदेशकों को पदोन्नति के मामले में लगभग डेढ़ साल का लाभ मिला जिससे संवर्ग में सभी स्तरों पर ख़ुशी की लहर दौड़ गई।

ज्ञातव्य है कि उप-निदेशक के तौर पर पदोन्नति हेतु वर्ष 2018 में नियमित हुए सहायक निदेशकों का अनुरोध भी विभाग में लंबित है। यह मामला अदालत में भी चल रहा है जिसकी सुनवाई की तारीख़ों से हमने आपको नियमित रुप से अद्यतन रखा है। आगे भी, इस संबंध में कोई प्रगति होने पर हम तत्क्षण आपको उसकी सूचना देंगे।

बड़ी संख्या में सहायक निदेशकों की पदोन्नति के कारण तमाम कार्यालयों में उत्पन्न व्यावहारिक दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए, वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों को पदोन्नत किया जाना आवश्यक था ताकि कामकाज सुचारु तरीक़े से चलता रहे। अंततः, 4 दिसंबर को 65 एसटीओज सहायक निदेशक के तौर पर पदोन्नत हुए। इस आदेश में कई साथी ऐसे भी रहे जिनकी कल्पना में भी नहीं था कि वे इस साल सहायक निदेशक के तौर पर पदोन्नत हो जाएंगे:


जो साथी इस आदेश के बावजूद किन्हीं प्रशासनिक कारणों से अपने कार्यालय से मुक्त नहीं हो पा रहे थे,उन्हें ऐन वक्त पर स्टैंड रिलीव्ड भी करवाने में एसोसिएशन को सफलता मिली।

इस वर्ष जेटीओज की पदोन्नति के लिए पांच डीपीसी हुई। इनमें से तीन डीपीसी में बड़ी संख्या में हमारे कनिष्ठ साथी पदोन्नत हुए। 12 जुलाई को 40, 30 अक्टूबर को 36, और 27 दिसम्बर को 35 कनिष्ठ साथी वरिष्ठ बनेः



एक ही वर्ष में जेटीओज के लिए पांच-पांच डीपीसी एक रिकॉर्ड है। एसटीओज की ही तरह एसोसिएशन ने उन्हें भी स्टैंड रिलीव्ड करवाना सुनिश्चित किया ताकि हमारे कोई कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी साथी इन्क्रीमेंट से वंचित न रह जाएं। जेटीओज की पदोन्नति के आदेश में 2012 बैच तक के कई लोग कवर हो चुके हैं।

कुल मिलाकर, संवर्ग के लिए यह साल स्वर्णिम अवसरों वाला रहा जिसमें हममें से अधिकतर की आकांक्षाएं पूरी हुई हैं। 2019 के तमाम आदेश इस बात की ओर संकेत करते हैं कि अब पदोन्नति का मामला एकदम ट्रैक पर है। स्थिति यहां तक सुधरी है कि अर्हता सेवा पूरी करने वाले लगभग सभी जेटीओ एसटीओ के रुप में पदोन्नत हो चुके हैं। यह सफलता इस तथ्य के दृष्टिगत और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है कि पिछले काफी समय से सीएसएस संवर्ग में पदोन्नति ठप्प है जबकि इधर हमारे आदेशों पर ठप्पे लगते रहे!

न सिर्फ संवर्ग के, बल्कि संवर्गेतर कनिष्ठ और वरिष्ठ अनुवादकों के लिए पदनाम परिवर्तन को भी आप इस वर्ष की एक और बड़ी सफलता मानेंगे जिसने हम हिंदीकर्मियों को अपना परिचय सगर्व देने का अवसर दिया है।

एसोसिएशन के लिए यह वर्ष इसलिए भी बहुत संतोषदायी रहा है कि आज पूरा संवर्ग इस बात पर गर्व कर रहा है कि हम सबकी आकांक्षाओं पर ख़रे उतरे हैं। एसोसिएशन सामूहिक कल्याण के लिए ही है। आप अपने को उन्नीस महसूस न करें, इसलिए हमने ऐसे हरसंभव प्रयास किए हैं जिनसे हर पात्र साथी बीस होने का अनुभव कर सकें। इन प्रयासों के कारण आज पूरा संवर्ग एसोसिएशन की ओर उम्मीद भरी नज़रों से देख रहा है। यह विश्वास हमारी थाती है और इसकी नींव राजभाषा विभाग के अधिकारियों के सहयोग से बनी है। इसमें अनुभाग अधिकारी सुश्री मधुबाला तनेजाजी, अवर सचिव श्री नेह श्रीवास्तवजी, निदेशक श्री बी.एल., मीनाजी, पूर्व संयुक्त सचिव श्री जे.पी. अग्रवालजी, मौजूदा लिंक संयुक्त सचिव श्री संजीव कुमार जिंदलजी और सचिव सुश्री अनुराधा मित्राजी का विशेष योगदान रहा है। दुआ कीजिए कि आपकी शुभकामनाओं और राजभाषा विभाग के सहयोग से 2020 ट्वेंटी-ट्वेंटी बन जाए। 

1 टिप्पणी:

  1. इन प्रयासाेें के लिए एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी साधुवाद के पात्र हैं। क्या ही अच्छा हो कि संयुक्त निदेशक एवं उपनिदेशक आदि स्तर के सभी रिक्त पड़े पदों को नियमित पदोन्नति की स्थिति बनने तक अस्थायी रूप से पदोन्नति देते हुए भर लिया जाए। शुभकामनाओं सहित,

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