* * उप-निदेशकों की पदोन्नति के लिए डीपीसी संपन्न। * दो तदर्थ निदेशक नियमित भी हुए। *वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों की पदोन्नति के लिए यूपीएससी में डीपीसी की बैठक अब किसी भी दिन।

सोमवार, 23 मार्च 2020

विभाग को रोना नहीं, मित्रो

साथियो,


राजभाषा विभाग ने 13 जनवरी,2020 को कार्यालय ज्ञापन जारी कर वर्ष 2019 की  रिक्ति के एवज में नियमितीकरण के लिए 24 तदर्थ सहायक निदेशकों से सतर्कता निकासी प्रमाणपत्र और पिछले 10 वर्षों की शास्तियां उपलब्ध कराने को कहा था। विभाग को इनमें से अब तक  केवल 7 (श्री संजीव कुमारःगृह मंत्रालय, श्री सोहेल अहमदः नागर विमानन महानिदेशालय, श्री योगेश गोविलः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सुश्री अनु मल्होत्राःकृषि एवं मूल्य लागत आयोग, सुश्री मीना बख्शीःश्रम ब्यूरो,शिमला, श्री परमजीत यादवःकृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग और सुश्री संध्या थपलियालः डाक विभाग) के दस्तावेज़ मिले हैं। 




अतः, राजभाषा विभाग ने पुनः ज्ञापन जारी कर ऐसे 17 तदर्थ सहायक निदेशकों के नाम सार्वजनिक किए हैं जिनकी पिछले 10 वर्षों की सतर्कता निकासी प्रमाणपत्र विभाग को उपलब्ध कराई जानी शेष है। ये हैं-


1. श्री आशुतोष कुमार (कारखाना सलाह सेवा एवं श्रम संस्थान महानिदेशालय, मुंबई)
2. श्री संजीव कुमार (गृह मंत्रालय)
3. श्री अजय कुमार झा (सीपीडब्ल्यूडी,दिल्ली)
4. सुश्री मंगलम कुरियाकोज (केंद्रीय जल आयोग)
5. श्री तरुण कुमार (भारतीय उच्चायोग,लंदन में प्रतिनियुक्ति पर)
6. सुश्री रीता कुरियाकोज (दिवंगत)
7. श्री प्रदीप राय (राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग)
8. सुश्री जनक अरोड़ा (सेवानिवृत्त)
9. श्री सुभाष चन्द्र (प्रधानमंत्री कार्यालय)
10. सुश्री सीमा शशिधरन नायर (अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय)
11. सुश्री मंजू गुप्ता (पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग)
12. श्री अमरकांत सिंह (सीपीडब्ल्यूडी,कोलकाता)
13. श्री अनिल श्रीवास्तव (राजभाषा विभाग)
14. श्रीमती भारती शर्मा (संपदा निदेशालय)
15. श्री संजय कुमार-।। (जनजातीय कार्य मंत्रालय)
16. श्री मनबर सिंह रावत (विदेश मंत्रालय)
17. श्री जयकरण (प्रवर्तन निदेशालय)

उल्लेखनीय है कि क्रम सं. 6 पर मौजूद सुश्री रीता कुरियाकोज अब हमारे बीच नहीं हैं और क्रम सं. 8 पर मौजूद सुश्री जनक अरोड़ा वनस्पति संगणन संगरोध एवं संग्रह निदेशालय, फरीदाबाद से सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। यदि हम इन्हें काग़ज़ी औपचारिकता से मुक्त मानें, तब भी 15 साथियों के काग़ज़ात तो शेष हैं ही।

इनमें से सुश्री मंगलम कुरियाकोज, श्री तरुण कुमार और श्री प्रदीप राय की वर्ष 2016-17 की वार्षिक कार्य निष्पादन रिपोर्ट  भी विभाग के पास नहीं है।

एसोसिएशन ने अपने स्तर पर भी 3 फरवरी की पोस्ट के माध्यम से आग्रह किया था कि सभी संबंधित कृपया शीघ्रता करें किंतु अज्ञात कारणों से मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा। यह सुस्ती हैरान करने वाली है क्योंकि दस्तावेज़ मिलने के बाद फाइल यूपीएससी भेजी जानी है। विलम्ब करके आप अपना ही नुक़सान कर रहे हैं क्योंकि आपका नियमितीकरण आपकी अगली पदोन्नति से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। 

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