मित्रो,
एसोसिएशन ने कल संवर्ग में विभिन्न स्तरों पर व्याप्त रिक्तियों को भरने के लिए डीओपीटी के अपर सचिव श्री मनोज कुमार द्विवेदीजी से बहुप्रतीक्षित मुलाक़ात की।
बैठक अत्यन्त उत्साहवर्धक रही और श्री द्विवेदीजी ने एसोसिएशन का पक्ष गंभीरतापूर्वक सुना। महासचिव श्री दिनेशजी ने उनके समक्ष समस्त तथ्यों को क्रमवार और सूचनाप्रद तरीक़े से सामने रखा और सभी सवालों के जवाब दिए तथा उनके पक्ष में दस्तावेज़ भी उपलब्ध कराए। बैठक में उनके साथ अध्यक्ष श्री राकेश मलिकजी, उपाध्यक्ष श्री धर्मवीरजी तथा कार्यकारिणी के सदस्यगण- श्री राजेश श्रीवास्तवजी, श्री नानकचंदजी, श्री सोहेल अहमदजी, सुश्री रीता शर्माजी, सुश्री मंजू गुप्ताजी और श्री संजय कुमारजी भी उपस्थित रहे। जहां कहीं आवश्यकता पड़ी, हर उपस्थित सदस्य ने मुद्दे के पक्ष में कुछ और तर्क जोड़े।
विमर्श के दौरान एसोसिएशन ने स्पष्ट रुप से कहा कि संवर्ग की मौजूदा समस्या का एकमात्र समाधान उप-निदेशक से निदेशक तक के स्तर तक के पदों को छूट के आधार पर भरा जाना ही है। एसोसिएशन ने इस बात पर बल दिया कि रिलैक्सेशन के अतिरिक्त अन्य किसी भी फार्मूले को लागू करने का प्रयास अधूरा साबित होगा और संवर्ग की स्थिति जस-की-तस ही रह जाएगी। अतः, सहायक निदेशकों को उप-निदेशक के रूप में पदोन्नत करना और उप-निदेशकों से ही संयुक्त निदेशक और निदेशक के पदों को भरना ही एकमात्र विकल्प है जिससे पूरे संवर्ग का कल्याण हो सकता है। ज़ाहिर है, यदि सहायक निदेशक पदोन्नत होते हैं तो नीचे इसका लाभ पात्र एसटीओ और जेटीओ तक जाना ही है।
बैठक अपर सचिव के इस आश्वासन के साथ संपन्न हुई कि वे चर्चा के दौरान उठे मुद्दों और संवर्ग में रिक्त पदों की स्थिति सचिव (डीओपीटी) के समक्ष स्पष्ट करेंगे और उन्हें एसोसिएशन की भावना से अवगत कराएंगे। उल्लेखनीय है कि विभाग की ओर से हाल ही में भेजा गया व्यापक प्रस्ताव डीओपीटी में विचाराधीन है। इस सिलसिले में सचिव (राजभाषा) महोदया ने भी इसी सप्ताह डीओपीटी सचिव से मुलाक़ात की है।
दोनों स्तरों पर हुई चर्चा से विशेषकर अधिकारी संवर्ग में प्रसन्नता की लहर है और इसके परिणाम शीघ्र ही परिलक्षित होने की संभावना है। इन चर्चाओं को कुछ ही सप्ताह पूर्व, श्री द्विवेदीजी की उपस्थिति में, डीओपीटी के माननीय मंत्री श्री जीतेन्द्र सिंहजी के साथ एसोसिएशन की मुलाक़ात के विस्तार के रुप में देखा जाना चाहिए।