मित्रो,
नए भर्ती नियमों (2021) की अधिसूचना में उप-निदेशक के स्तर पर प्रतिनियुक्ति का प्रावधान जोड़े जाने को लेकर लगातार चिंता व्यक्त की जा रही थी। साथ ही, विभिन्न स्तरों पर पदोन्नति के लिए संयुक्त सेवावधि के प्रावधान को भी फिर से जोड़े जाने की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। एसोसिएसन इस मुद्दे के प्रति गंभीर रहा है और हमें यह साझा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि उक्त दोनों प्रावधानों के विषय में हम दो माह पूर्व ही सचिव महोदय को अभ्यावेदन दे चुके हैं और हमने प्रतिनियुक्ति का प्रावधान हटाने तथा संयुक्त सेवा का प्रावधान बहाल किए जाने का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाया है। साथियों के लिए उस आवेदन की रूपरेखा यहाँ प्रस्तुत की जा रही है:
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विषय: उप-निदेशक के ग्रेड में संयुक्त सेवा के प्रावधान को शामिल करना और प्रतिनियुक्ति की व्यवस्था (अनुसूची-III, केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा भर्ती नियमावली की भर्ती प्रक्रिया) को समाप्त करने संबंधी अनुरोध।
आदरणीय महोदया,
आपके कुशल मार्गदर्शन और नेतृत्व में राजभाषा
विभाग और विशेषकर केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा में आशा की एक नई किरण देखी जा
रही है। संवर्ग के सभी ग्रेड में पदोन्नति के प्रति आपके अनवरत प्रयासों के कारण
अब अभूतपूर्व परिणाम सामने आ रहे हैं। संवर्ग संबंधी मुद्दों के प्रति आपके अथक
प्रयासों के प्रति यह संवर्ग कृतज्ञ है और हाल की कई सफलताओं का श्रेय आपको ही जाता
है।
2. किन्तु, 6 सितंबर 2021 को प्रकाशित
संशोधित भर्ती नियामवली- 2021 की अधिसूचना केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा संवर्ग
के हित में आपके सभी प्रयासों में व्यवधान उत्पन्न करने वाली प्रतीत होती है। इस
नियमावली में,
संयुक्त
निदेशक और निदेशक के ग्रेड में पदोन्नति के लिए संयुक्त सेवा के प्रावधान को हटा
दिया गया है। इसके अतिरिक्त, उप-निदेशक के ग्रेड में प्रतिनियुक्ति (एसटीसी सहित) का
प्रावधान जोड़ दिया गया है जिससे सेवारत अधिकारियों और कर्मियों के लिए पदोन्नति की
सहज आकांक्षा को गहरा आघात पहुँचा है। उल्लेखनिय है कि सहायक निदेशक के ग्रेड में
25 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती के
प्रावधान और उप-निदेशक के ग्रेड में प्रतिनियुक्ति की व्यवस्था से पदोन्नति से आगे
बढने की संभावनाएं निश्चय ही बाधित होंगी।
3. वर्तमान में संवर्ग की स्थिति यह हो गई है कि उप-निदेशक
(39),
संयुक्त
निदेशक(25) और निदेशक(10) के पदों को फीडर ग्रेड के अधिकारियों से भरना संभव नहीं हो
पा रहा है जिसका मूल कारण यह है कि वर्ष 2007 से 2015 के बीच सहायक निदेशकों को लंबे
समय तक तदर्थ आधार पर बनाये रखा गया। इसके कारण अब संवर्ग के सहायक निदेशकगण उप-निदेशक
के रूप में पदोन्नति के लिए जनवरी- 2024 में और उप-निदेशकगण संयुक्त निदेशक के तौर
पर पदोन्नति के लिए जनवरी-2026 में पात्र होंगे। इस बीच, संवर्ग में उप-निदेशक के
ग्रेड में प्रतिनियुक्ति पर बाहर से अधिकारियों को लेना होगा और संयुक्त निदेशक
तथा निदेशक के पद रिक्त रह जायेंगे।
4. निश्चय ही, वर्ष 2021 के संशोधित
भर्ती नियमों के इन प्रतिकूल प्रावधानों से संवर्ग को नुकसान हुआ है इसे ठीक करने
के लिए उप-निदेशक के ग्रेड में पदोन्नति के लिए संयुक्त सेवा (वरिष्ठ अनुवाद
अधिकारी के पद पर 5 वर्ष और सहायक निदेशक के पद पर 3 वर्ष) के प्रावधान को फिर से
लागू करना ही एकमात्र विकल्प रह गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 के भर्ती
नियमों में उप-निदेशक ग्रेड के लिए 8 वर्ष की संयुक्त सेवा को पात्र माने जाने का प्रावधान
था। केवल इस प्रावधान की बहाली मात्र से संवर्ग में सभी स्तरों पर सकारात्मक
प्रभाव पडेगा और संयुक्त निदेशक तथा निदेशक के स्तर पर पदोन्नति के अवसर बढेंगे।
साथ ही,
सहायक
निदेशक और वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों के पदोन्नति अवसरों में भी वृद्धि होगी।
5. उक्त तथ्यों के मद्देनजर आपसे अनुरोध है कि उप-निदेशक
के स्तर पर संयुक्त सेवा के प्रावधान को फिर से लागू किया जाए और प्रतिनियुक्ति के
प्रावधान को हटाया जाए। तदर्थ हम आपके आभारी होंगे।
सादर
(दिनेश कुमार सिंह)
अध्यक्ष
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मित्रो, उक्त दोनों मुद्दों को लेकर एसोसिएसन केवल आवेदन देने तक
सीमित नहीं रही है, बल्कि हम इस विषय में सभी संबंधितों से लगातार संपर्क में हैं क्योंकि
यह मामला सभी स्तरों पर पदोन्नति से जुड़ा हुआ है। मसलन, एडी से डीडी के रूप में पदोन्नति
के लिए रेजीडेंसी पीरियड में छूट के लिए एसोसिएशन ने विगत शुक्रवार को डीओपीटी के
संबंधित उप-सचिव से मिलकर उनसे सकारात्मक सहयोग के लिए अनुरोध किया है और उनकी सलाह
पर अमल भी किया जा रहा है।
सभी साथी समय पर पदोन्नत हों और कोई भी नियम संवर्ग के सामूहिक
हित के विरुद्ध न जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए एसोसिएसन आगे भी हरसंभव प्रयास करती
रहेगी।
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