* *डीओपीटी ने 3 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके उप-निदेशकों को संयुक्त निदेशक के रुप में पदोन्नति देने और 4 वर्ष से अधिक की नियमित सेवा पूरी कर चुके 7 वरिष्ठतम सहायक निदेशकों को उप-निदेशक बनाए जाने के लिए छूट के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी। एसोसिएशन ने पिछले दिनों इस सिलसिले में डीओपीटी की सचिव से मुलाक़ात की थी। * एसोसिएसन ने शेष सहायक निदेशकों की पदोन्नति के मामले को भी निर्णायक सफलता मिलने तक डीओपीटी के समक्ष उठाते रहने का भरोसा दिलाया।

बुधवार, 31 मार्च 2021

कुशल नेतृत्व का प्रमाण और अनंत संभावनाओं का द्वार हैं हमारे सचिव

 मित्रो,

यह संवर्ग का सौभाग्य है कि आज हमारा नेतृत्व श्री सुमीत जैरथ जी जैसे बहुगुणी सचिव महोदय के हाथों में है।शिखर पर बैठे अधिकारी की सक्रियता, सकारात्मकता और सहजता किस प्रकार असंभव समझे जाने वाले विषयों का भी संधान करती है,हमारे सचिव महोदय इसके प्रतीक हैं। उनके प्रयासों के सद्परिणाम आज  हर स्तर पर अनुभव किए जा रहे हैं। वस्तुतः, अपने नाम के अनुसार ही, वे संवर्ग के लिए कल्याण-मित्र सिद्ध हुए हैं। उनकी त्वरित निर्णय-क्षमता के कारण पदोन्नति के कई मामले सुलझे हैं और एसोसिएशन यह विश्वास लिए हुए है कि उनके सेवाकाल में ही संवर्ग में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण विषयों का निराकरण हो जाने की पूरी संभावना है जिन्हें संवर्ग के लिए आवश्यक होने जाने के बावजूद असाध्य मान लिया गया है। 

हमारे कई साथी अवगत होंगे कि सचिव महोदय आवश्यक होने पर न सिर्फ मंत्रालयों/विभागों के अधिकारियों तक व्यक्तिगत संपर्क साधते हैं, बल्कि ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से अपने व्याख्यानों के माध्यमों से राजभाषा के प्रसार में भी असाधारण योगदान दे रहे हैं। संवर्ग के कुछेक वरिष्ठ-कनिष्ठ अधिकारियों ने सचिव महोदय के इन प्रयासों को यदा-कदा सार्वजनिक भी किया है। इसी ओर संकेत करते हुए हमने अपनी पिछली पोस्ट में सचिव महोदय के हाल के कुछ प्रयासों की ओर ध्यानाकर्षण किया था। इसी क्रम में, आज हम सचिव महोदय की तीन पहलों को आपके सामने समेकित रुप में रख रहे हैं। 

पहली प्रस्तुति 12 "प्र" के माध्यम से राजभाषा हिंदी का समुचित विकास किए जाने पर केंद्रित है। दूसरी पहल वह पत्र है जो सचिव महोदय ने सभी मंत्रालयों/विभागों के सचिवों को लिखी है जिसमें यह अपेक्षा की गई है कि उच्चाधिकारियों के स्तर पर होने वाली मासिक बैठक की कार्यसूची में एक मद हिंदी की प्रगति की भी रखी जाए। तीसरी सामग्री पिछले वर्ष हिंदी माह के दौरान की है जब सचिव महोदय ने हिंदी की सरलता के लिए अपेक्षित प्रयासों और संवैधानिक प्रावधानों का संदर्भ देते हुए समस्त मंत्रालयों/विभागों को पत्र लिखा था।

हिंदी संबंधी विभिन्न आदेशों की स्थिति को लेकर कई बार असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और कुछ प्रावधानों को लेकर स्पष्टता का भी अभाव रहता है। सचिव महोदय के ये प्रयास सभी अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए लाभकारी होंगे।




















1 टिप्पणी:

  1. इस सराहनीय कार्य के लिए हमारा संवर्ग तथा हम सभी सदा उनके आभारी रहेंगे।-सादर

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