* * उप-निदेशकों की पदोन्नति के लिए डीपीसी संपन्न। * दो तदर्थ निदेशक नियमित भी हुए। *वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों की पदोन्नति के लिए यूपीएससी में डीपीसी की बैठक अब किसी भी दिन।

शुक्रवार, 20 सितंबर 2019

आई अब एडी की बारी

साथियो,

2015 में नियमित किए गए 64 सहायक निदेशकों की पदोन्नति प्रक्रिया से आप अवगत हैं। यह मामला प्रगति पर है और इसका आदेश शीघ्र ही जारी होने जा रहा है। यह देखते हुए कि इतनी बड़ी संख्या में सहायक निदेशकों के पद खाली होेने से कार्यालयों में कार्यगत व्यावहारिक व्यवधान उत्पन्न होगा, राजभाषा विभाग ने इन पदों को तदर्थ आधार पर भरने के लिए त्वरित कार्रवाई शुरु करते हुए ऐसे 82 साथियों से सतर्कता निकासी प्रमाणपत्र मंगवाए हैं, सहायक निदेशक के तौर पर पदोन्नति के लिए जिनके नाम पर विचार किया जाना है:

http://rajbhasha.gov.in/sites/default/files/sewa20sept2019.pdf

सहायक निदेशक के स्तर पर वास्तविक रिक्ति कितनी बनेगी,विभाग इसकी गणना मौजूदा सहायक निदेशकों के उप-निदेशक बन जाने के बाद करेगा। सभी 82 साथियों की वार्षिक कार्य निष्पादन रिपोर्टों (एपीएआर) के संबंध में विभाग बाद में निर्णय लेगा और 2012-13 से 2016-17 तक के पांच वर्षों में से किसी भी अवधि की एपीएआर लंबित पाए जाने पर इसकी सूचना अलग से दी जाएगी।

हम सभी साथियों से शीघ्रता की अपेक्षा करते हैं। सूची में शामिल मित्रों में से कुछ कन्सिडरेशन ज़ोन में होंगे जिसका सीधा अर्थ यही है कि अब आप पदोन्नति के बिल्कुल क़रीब हैं। सबके सतर्कता निकासी प्रमाण-पत्र प्राप्त होने के बाद ही डीपीसी की प्रक्रिया शुरु हो पाएगी। जिन साथियों के मामले में यह प्रमाण-पत्र पहले ही से विभाग के पास है, उन्हें दुबारा भेजने की आवश्यकता नहीं।

विचाराधीन में से अधिकतर साथी औसतन 20 से भी अधिक वर्षों से बतौर अनुवाद अधिकारी कार्यरत हैं और पदोन्नति के लिए वर्षों से प्रतीक्षारत हैं। अतः, विलम्ब करने का कोई कारण नहीं है। यह देखते हुए कि सहायक निदेशक के पदों को तुरन्त भरा जाना है, सभी मित्रों से अनुरोध है कि कृपया अंतिम तारीख़ की प्रतीक्षा न करें और आज ही ज्ञापन की प्रति के साथ अपने प्रशासन में आवेदन कर दें ताकि सतर्कता निकासी प्रमाणपत्र तथा शास्तियों के विवरण विभाग को 30 सितम्बर, 2019 से पहले ही मिल जाएं।

कार्यालय से जारी सतर्कता निकासी प्रमाणपत्र विभाग को तो भिजवाएं ही,उसकी छायाप्रति हमें भी मेल/व्हाट्सऐप पर उपलब्ध कराएं ताकि एसोसिएशन को विभाग के साथ तालमेल बनाए रख सकने में सहूलियत हो।

दस्तावेज़ मिलते ही डीपीसी की प्रक्रिया तुरन्त शुरु हो जाएगी और उसके कुछ ही समय पश्चात् आपकी पदोन्नति के आदेश जारी हो जाएंगे। कनिष्ठ अनुवाद अधिकारियों के एक बड़े बैच की पदोन्नति भी इसी के आसपास संभावित है।

5 टिप्‍पणियां:

  1. महोदय यह सूचित करने की कृपा करें कि कनिष्ठ अनुवाद अधिकारियों कि चौथी डीपीसी कब तक होने की उम्मीद है और उनके आदेश कब तक जारी हो जाने की संभावना है?

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  2. विडंबना है कि प्रोन्नति प्रक्रिया के लगभग एक वर्ष से चलने के बाद भी वर्ष 2018 वर्ष की रिक्तियों के लिए पदोन्नत होने वाले वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी अभी भी पदोन्नति की बाट जोह रहे हैं। उनकी डीपीसी की तारीख भी अभी तक तय नहीं हो सकी है। उसके बाद 2019 की रिक्तियों को भरने के लिए भी वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों से दस्तावेज मंगा लिये गए हैं और वे भी लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं और अब राजभाषा विभाग ने अपने पूर्व दायित्वों का पूर्ण निर्वहन किए बिना 84 अधिकारियों से दस्तावेज और मांग लिए हैं और राजभाषा विभाग तथा आप भरोसा दे रहे हैं कि सब कुछ हुआ ही समझिए... आखिर ये झूठे वादे कब तक??? कब तक लोगों को छलते रहेंगे???? अगर कुछ करना ही नहीं हैै तो कागजात मंगानेे का औचित्य क्या है?????

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    1. इस संबंध में स्थिति पहले ही स्पष्ट की जा चुकी है।
      फाइल यूपीएससी के पास है। डीपीसी की तारीख़ उसे ही देनी है।
      यूपीएससी के स्तर पर हो रहे विलम्ब के लिए राजभाषा विभाग या एसोसिएशन उत्तरदायी नहीं।
      यूपीएससी में शीघ्रता के लिए कई स्तरों पर प्रयास किए गए हैं। अब भी जारी हैं।

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  3. सूचना देने के लिए धन्यवाद।

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