* * उप-निदेशकों की पदोन्नति के लिए डीपीसी संपन्न। * दो तदर्थ निदेशक नियमित भी हुए। *वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों की पदोन्नति के लिए यूपीएससी में डीपीसी की बैठक अब किसी भी दिन।

शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

बस इक वी.सी. चाहिए डीपीसी के लिए

आदरणीय,

राजभाषा विभाग ने वर्ष 2015 में नियमित किए गए 64 सहायक निदेशकों को उप-निदेशक के रुप में पदोन्नत करने हेतु इस महीने की 19 तारीख़ को एक ज्ञापन जारी किया था। इसी ज्ञापन के क्रम में, हमने पिछली पोस्ट में सभी संबंधित सहायक निदेशकों से आग्रह किया था कि वे अपने सतर्कता निकासी प्रमाणपत्र और पिछले 10 वर्षों की शास्तियों के विवरण विभाग की अपेक्षानुसार 30 अगस्त,2019 तक उपलब्ध करा दें।

इस प्रयोजन से पिछले दिनों सहायक निदेशकों की एक समन्वय समिति के गठन हेतु सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में सहायक निदेशक श्री दिलीप कुमार निगमजी के कार्यालय में एक बैठक भी रखी गई थी जिसमें श्रम और रोज़गार मंत्रालय में सहायक निदेशक सुश्री अनुपमा परमार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में ही सहायक निदेशक श्री आदेश शर्मा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में सहायक निदेशक श्री राजेश श्रीवास्तव और नीति आयोग में सहायक निदेशक श्री इफ्तिखार अहमदजी के साथ एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री दिनेश कुमार सिंह और कोषाध्यक्ष कुमार राधारमण भी उपस्थित थे।

बैठक का प्रयोजन विभाग को काग़ज़ात उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को तेज़ करना था। बैठक में शामिल सभी अधिकारियों ने पदोन्नति के लिए प्रतीक्षारत सहायक निदेशकों से संपर्क के लिए कुछ-कुछ नाम अपने हिस्से रखे। यहां तक कि बैठक के दौरान भी कई सहायक निदेशकों को अद्यतन स्थिति के लिए फोन किए गए। बाद में, उन 18 सहायक निदेशकों से भी संपर्क साधे गए जिनकी 2017-18 तक के पांच वर्षों में से कतिपय अवधि की एपीएआर विभाग के पास उपलब्ध न होने संबंधी ज्ञापन विभाग की साइट पर 26 अगस्त को डाला गया था। एक विशेष व्हाट्सऐप ग्रुप भी बनाया गया ताकि संभावित पदोन्नति वाले सहायक निदेशक अपने दस्तावेज़ के बारे में अद्यतन स्थिति से अवगत करा सकें। सब जगह से उत्साहवर्द्धक प्रत्युत्तर मिले और सबने भरपूर सहयोग किया। परिणाम यह हुआ कि आज की तारीख़ में केवल एक सहायक निदेशक की सतर्कता निकासी मिलनी बाक़ी है। समस्त विवरण प्राप्ति के उपरान्त ही विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक रखना संभव होगा।

एसोसिएशन इस मामले पर पैनी नज़र बनाए हुए है क्योंकि सहायक निदेशकों की पदोन्नति से ही वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों की पदोन्नति की रास्ता खुलेगा और तदनुरुप कनिष्ठ अनुवाद अधिकारियों के लिए भी मार्ग प्रशस्त होगा।

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