मित्रो,
सहायक निदेशकों को पदोन्नति न मिल पाना संवर्ग में गतिरोध का सबसे बड़ा कारण है। 2018 और 2019 की रिक्ति के लिए वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों में से कुछ को पदोन्नत करने की प्रक्रिया चल रही है, किंतु उनसे नीचे भी ऐसे कई वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी हैं जिन्हें 20 वर्षों से अधिक की सेवा के बावजूद राजपत्रित का दर्जा नहीं मिल सका है। ठहराव की यह स्थिति सहायक निदेशकों की पदोन्नति न हो पाने के कारण ही है। सहायक निदेशकों को पदोन्नत करने के लिए राजभाषा विभाग ने कुछ माह पूर्व डीओपीटी को फाइल भेजी थी जिसे डीओपीटी ने यूपीएससी को भेजा ताकि सहायक निदेशकों की पदोन्नति के लिए संयुक्त सेवावधि के प्रावधान को अस्थायी तौर पर लागू करने हेतु उसकी सहमति से भर्ती नियम में आशोधन हो सके।
इस फाइल पर यूपीएससी की मंज़ूरी के लिए विभाग और एसोसिएशन ने विभिन्न स्तरों पर हरसंभव प्रयास किए किंतु परिणाम मनोनुकूल नहीं रहा। यूपीएससी के उच्चाधिकारियों ने बातचीत के क्रम में एक से अधिक बार यह संकेत दिया कि तकनीकी कारणों से, डीओपीटी से भेजे गए प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त नहीं की जा सकती। यह देखते हुए कि यूपीएससी से फाइल लौटने में अनपेक्षित विलम्ब हो रहा है (अद्यतन स्थिति के अनुसार,फाइल अब भी यूपीएससी में ही है) और फाइल अंततः खारिज ही की जानी है, सहायक निदेशकों की पदोन्नति के लिए एक अन्य प्रावधान के तहत एक और फाइल डीओपीटी को कुछ समय पूर्व भेजी गई है ताकि यूपीएससी से फाइल लौटने की प्रतीक्षा में समय व्यर्थ न जाए।
एसोसिएशन को विश्वास है कि अब जो फाइल डीओपीटी के पास है, उसके अस्वीकृत किए जाने की संभावना नहीं है। आप सब की शुभकामनाओं से यदि ऐसा ही हुआ तो सभी पात्र सहायक निदेशक उप-निदेशक बन सकेंगे और उनकी रिक्ति के अनुपात में ही वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों की पदोन्नति का मार्ग भी प्रशस्त हो जाएगा। नवनियुक्त राजभाषा सचिव के समक्ष भी इस मुद्दे को ज़ोर-शोर से उठाया जा रहा है ताकि सहायक निदेशकों की पदोन्नति सुनिश्चित करने के लिए पूर्व राजभाषा सचिव की तरह वे भी व्यक्तिगत रुचि लेते हुए प्रयास करें।
लंबित फाइल को मंज़ूरी मिलते ही संवर्ग की अधिकतर समस्याएं सुलझ जाएंगी। वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों के सभी पद इस वर्ष तक भर लिए जाने की प्रक्रिया तीव्र गति से चल ही रही है।
सूचनार्थ।
नवीनतम जानकारी देने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंआदरणीय महोदय,
जवाब देंहटाएंप्रणाम
क्या आपके माध्यम से यह सूचना मिल सकेगी कि दिसंबर 2015 में सीधी भर्ती के लिए विज्ञापित सहायक निदेशक (राजभाषा) की यूपीएससी द्वारा ली गई परीक्षा के परिणाम में किन कारणों से विलंब की स्थिति है?
सादर
किरण
प्रभावित पक्षों ने इस परीक्षा के विरुद्ध कैट से स्थगन लिया है. किंतु सीधी भर्ती का कोटा बरकरार है.
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