* * उप-निदेशकों की पदोन्नति के लिए डीपीसी संपन्न। * दो तदर्थ निदेशक नियमित भी हुए। *वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों की पदोन्नति के लिए यूपीएससी में डीपीसी की बैठक अब किसी भी दिन।

बुधवार, 20 फ़रवरी 2019

नामावलीःअधीनस्थ कार्यालयों के लिए अलग आदेश ज़रूरी नहीं

दोस्तो,

इस ब्लॉग पर 11 फरवरी, 2019 की पोस्ट के माध्यम से हमने सूचित किया था कि अब कनिष्ठ और वरिष्ठ अनुवादकों के पदनाम कनिष्ठ और वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी हो गए हैं। इस सुखद परिवर्तन से केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा संवर्ग के अनुवादकों में खुशी की लहर है और एसोसिएशन को लगातार बधाई संदेश प्राप्त हो रहे हैं।


अधीनस्थ कार्यालयों के अनुवादकों ने भी इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की है। हालांकि, संबंधित आदेश जारी होने के बाद से, अधीनस्थ कार्यालयों के कई साथियों में इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति है कि नामावली परिवर्तन संबंधी आदेश उनके कार्यालयों पर भी लागू होगा या नहीं। कुछ साथियों ने यह इच्छा भी व्यक्त की है कि अधीनस्थ कार्यालयों पर भी इसके प्रभावी होने के संबंध में राजभाषा विभाग अलग से कोई आदेश जारी करे।


हम इस संबंध में राजभाषा विभाग से अलग से अनुरोध कर रहे हैं। किंतु, अधीनस्थ कार्यालय के सभी मित्रों को हम सूचित करना चाहेंगे कि राजभाषा सचिव ने सभी मंत्रालयों/विभागों के सचिवों को भेजे दिनांक 02.05.2013 के अपने पत्र में यह सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया है कि सभी मंत्रालयों/विभागों के अधीनस्थ कार्यालयों में राजभाषा अधिकारियों के पदनाम केंद्रीय सचिवालय राजभाषा संवर्ग के पदनाम के समान ही हों।


ज़ाहिर है, राजभाषा विभाग को अब इस संबंध में नए सिरे से कोई आदेश निकालने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि स्थिति पहले ही स्पष्ट की जा चुकी है।


अधीनस्थ कार्यालयों के साथियों की सहूलियत के लिए उक्त आदेश* की प्रति संलग्न की जा रही है। यह आदेश राजभाषा विभाग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है जिसे कार्यालय आदेश लिंक पर क्रम संख्या 249 पर देखा जा सकता हैः

http://rajbhasha.nic.in/sites/default/files/sewa7junM13.pdf

अतः, सभी संबंधितों को सलाह दी जाती है कि वे कृपया इस आदेश की प्रति के साथ अपने कार्यालय में आवेदन करते हुए अपने पदनाम बदलवाने की पहल करें।


ध्यानार्थः *आदेश में व्यय विभाग के कार्यालय ज्ञापन संख्या का गलत उल्लेख हो जाने के कारण राजभाषा विभाग ने 4 जून, 2013 को एक शुद्धि-पत्र जारी किया था। यह शुद्धि-पत्र भी उक्त लिंक पर ही उपलब्ध है।

13 टिप्‍पणियां:

  1. Some STOs were to be promoted as ADs. Why that process is delayed??

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    1. एक प्रत्यावर्तित सहायक निदेशक का एपीएआर विभाग को मिलना शेष है।

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  2. रेल मंत्रालय ने अभी तक पदनाम नहीं बदला है। कृपया मार्गदर्शन करें किस प्रकार बदला जा सकता है

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    1. राजभाषा विभाग के आदेश केंद्रीय सचिवालय संवर्ग के अलावा केवल अधीनस्थ कार्यालयों पर लागू होते हैं। रेल मंत्रालय का राजभाषा संवर्ग केंद्रीय सचिवालय के राजभाषा विभाग से इतर काम करता है। फिर भी,राजभाषा विभाग के आदेश का हवाला देते हुए आप अपने संवर्ग नियंत्रक से पदनाम परिवर्तन हेतु अनुरोध कर सकते हैं।
      शुभकामना।

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  3. Junior Translation Officer cadre comes under gazetted category or not please clarify.

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    1. No.
      The cadre is Central Secretariat Official Language Service and Junior Translation Officers are part of it.It is a Group-B Non-Gazetted post only.

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  4. Sir, kya MHA ke Assam Rifles department
    me ukt adesh lagu honge

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    1. आप अनुरोध कीजिए किंतु यह आपके विभाग के विवेकाधिकार पर निर्भर करता है।

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  5. 11 फरवरी 2019 के पत्र में स्पष्ट रूप से CSOL का जिक्र किया गया है। यह पत्र उच्च मुख्यालय से सबऑर्डिनेट कार्यालय के अनुवादकों को लागू करने के लिए परिचालित ही नही किया जा रहा है। यहां पर एक तकनीकी समस्या यह भी है कि क्या कोई 2013 का पत्र 2019 के पत्र के लिए स्पष्टीकरण हो सकता है। शायद नहीं। रक्षा मंत्रालय से इस बारे में राजभाषा विभाग से स्पष्टीकरण मार्च में ही मांगा गया है। कृपया शीघ्र स्पष्टीकरण दिलवाने की मेहरबानी करें जिससे सबऑर्डिनेट कार्यालयों के अनुवादक भी कम से कम पदनाम का लुफ्त ले सकें।
    योगेन्द्र सिंह यादव, वरिष्ठ अनुवादक, सबऑर्डिनेट कार्यालय

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  6. कोई भी आदेश हर साल जारी नहीं किया जाता। आदेश चाहे कितना ही पुराना क्यों न हो, जब तक उसमें कोई आशोधन न हो गया हो,वह लागू ही रहता है।
    रक्षा मंत्रालय के स्पष्टीकरण की स्थिति पता की जा रही है।

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  7. राजभाषा कैडर एक ही पदनाम होना चाहिए न कि अलग अलगसभी का एक जैसा ही कार्य है इसमें विसंगति नहीं होनी चाहिए

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    1. मंत्रालयों और अधीनस्थ कार्यालयों में कार्य एक जैसा नहीं है।
      फिर भी,इस बात से सहमति है कि पदनाम में समानता होनी चाहिए।

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