* * उप-निदेशकों की पदोन्नति के लिए डीपीसी संपन्न। * दो तदर्थ निदेशक नियमित भी हुए। *वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों की पदोन्नति के लिए यूपीएससी में डीपीसी की बैठक अब किसी भी दिन।

सोमवार, 17 सितंबर 2018

संवर्ग की समस्याएं सुलझने के क़रीब

साथियो,

एसोसिएशन को यह सूचित करते हुए अत्यन्त प्रसन्नता है कि संवर्ग की समस्याओं के निपटारे के लिए लम्बे समय से जारी संघर्ष का सद्परिणाम अब एकदम क़रीब है।

वर्ष 2016-17 की रिक्तियों के लिए 51 वरिष्ठ अनुवादकों की सहायक निदेशक के तौर पर पदोन्नति की फाइल संघ लोक सेवा आयोग को भेज दी गई है जहां से औपचारिक स्वीकृति के बाद आदेश किसी भी समय जारी हो सकता है।

आप अवगत ही हैं कि पिछले दिनों हमारे कई सहायक निदेशकों को रिवर्ट करने के आदेश राजभाषा विभाग ने जारी किए थे। एसोसिएशन ने एक से अधिक बार सभी साथियों को यह आश्वस्त किया था कि रिवर्सन नहीं होने दिया जाएगा। यह जानना सुखद है कि अब कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने भी इस पर सहमति व्यक्त कर दी है और राजभाषा विभाग ने रिवर्सन का आदेश वापस लेने का निर्णय लिया है। सभी संबंधितों के लिए संगत आदेश शीघ्र ही जारी हो जाएंगे।

वरिष्ठ अनुवादकों की पदोन्नति में सबसे बड़ी बाधा उप-निदेशक के पदों का खाली होना था। उप-निदेशक के 86 में से 82 पद खाली पड़े हैं। लम्बे संघर्ष के बाद, माननीय राजभाषा सचिव महोदय की पुरज़ोर सिफारिश के साथ भर्ती नियम में संशोधन का प्रस्ताव डीओपीटी को भेजा गया है जिसमें वरिष्ठ अनुवादक के तौर पर 5 और सहायक निदेशक के रूप में 3 वर्ष यानी कुल 8 वर्ष की नियमित और संयुक्त सेवावधि को ही उप-निदेशक के तौर पर पदोन्नति के लिए अर्हता मानने का प्रावधान है। यह मामला भी अंतिम चरण में है और इस पर डीओपीटी द्वारा सहमति व्यक्त किए जाने की पूरी संभावना है।

मित्रो, एसोसिएशन के लिए यह समय बहुत चुनौती भरा रहा है। एसोसिएशन अपने सभी साथियों के प्रति कृतज्ञ है कि उन्होंने इस दरम्यान धैर्य बनाए रखा और एसोसिएशन के प्रति उनका विश्वास बना रहा। आपके इसी संबल के कारण, जो एकाध अन्य छोटे-छोटे मुद्दे रह गए हैं,उनके लिए भी एसोसिएशन सक्रिय है।  


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