* *डीओपीटी ने 3 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके उप-निदेशकों को संयुक्त निदेशक के रुप में पदोन्नति देने और 4 वर्ष से अधिक की नियमित सेवा पूरी कर चुके 7 वरिष्ठतम सहायक निदेशकों को उप-निदेशक बनाए जाने के लिए छूट के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी। एसोसिएशन ने पिछले दिनों इस सिलसिले में डीओपीटी की सचिव से मुलाक़ात की थी। * एसोसिएसन ने शेष सहायक निदेशकों की पदोन्नति के मामले को भी निर्णायक सफलता मिलने तक डीओपीटी के समक्ष उठाते रहने का भरोसा दिलाया।

शनिवार, 2 मई 2020

शॉक डाउनः चीयर अप !

मित्रो,

एसोसिएशन को विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर आप सबसे यह सूचना साझा करते हुए अत्यन्त हर्ष का अनुभव हो रहा है कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने तदर्थ उप-निदेशकों के नियमितीकरण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। ज्ञातव्य है कि पिछले वर्ष 27 सितम्बर को जिन 64 सहायक निदेशकों को उप-निदेशक के रुप में पदोन्नत किया गया था, उन सबका स्तरोन्नयन तदर्थ आधार पर थाः

http://rajbhasha.gov.in/sites/default/files/sewa27sept19_0.pdf

इनमें से अधिकतर अधिकारियों की सेवानिवृत्ति में अधिक समय शेष नहीं था किंतु कुछ अधिकारियों की अधिवर्षिता में कुछ वर्ष शेष थे और वे अगली पदोन्नति के लिए भी पात्र हो सकते थे- बशर्ते उप-निदेशक के तौर पर उनकी सेवा यथाशीघ्र नियमित हो जाए। इसे देखते हुए एसोसिएशन इस मुद्दे के प्रति अत्यन्त गंभीर था क्योंकि उप-निदेशकों के स्थायीकरण का सीधा ताल्लुक उन 65 सहायक निदेशकों के नियमितीकरण से था जो 4 दिसम्बर के आदेश के द्वारा तदर्थ आधार पर पदोन्नत किए गए थेः 



हम अपने सभी साथियों के संज्ञान में यह विषय भी लाना चाहेंगे कि पिछले वर्ष एसोसिएशन की एक महत्वपूर्ण सफलता यह रही थी कि हमने केंद्रीय हिंदी समिति की बैठक से ठीक पहले, समिति के सदस्य कुछेक सांसदों से मुलाक़ात कर संवर्ग में जारी ठहराव का मुद्दा माननीय प्रधानमंत्री जी के समक्ष उठाने का अनुरोध किया था। बैठक में यह मुद्दा उठाया गया और यह संवर्ग के लिए एक महत्वपूर्ण टर्निग प्वाइंट साबित हुआ। उप-निदेशक के सभी पद रिक्त होने पर प्रधानमंत्रीजी द्वारा व्यक्त चिंता के मद्देनज़र ही, 24 सितम्बर को संघ लोक सेवा आयोग, डीओपीटी और राजभाषा विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि उप-निदेशक के तौर पर नियमित पदोन्नति के लिए पात्रता शर्तों में थोड़ी ढील दी जाए।

किंतु बैठक में बनी सहमति पर भी डीओपीटी की मुहर लगना आसान न था। डीओपीटी को तदर्थ उप-निदेशकों के नियमितीकरण का जो पहला प्रस्ताव भेजा गया, उसे डीओपीटी ने ख़ारिज़ कर दिया क्योंकि उसमें रिक्ति वर्ष 2019 के लिए नियमितीकरण की मांग की गई थी। इसे देखते हुए पदोन्नत सहायक निदेशकों की चिंताएं बढ़ गई थीं। किंतु विभाग से पुनः आग्रह कर डीओपीटी को दूसरा प्रस्ताव भिजवाया गया जिसमें रिक्ति वर्ष 2020 के लिए नियमित किए जाने का अनुरोध किया गया था जिसे अब जाकर उसने मंज़ूर किया है। यह नियमितीकरण की 

यह सहमति अत्यन्त महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हमारे तदर्थ उप-निदेशकगण नियमित होने जा रहे हैं। संयुक्त निदेशक के तौर पर उनकी अगली पदोन्नति के लिए पात्रता सेवावधि की गणना में इसकी भूमिका निर्णायक  होगी। इससे उन तदर्थ उप-निदेशकों को भी राहत मिलेगी जिनकी सेवा कम बची है और जो तदर्थ रुप में ही सेवानिवृत्ति की आशंका लिए हुए थे। अब वे आश्वस्त होकर अपना काम कर सकेंगे और अधिक सम्मानपूर्वक सेवानिवृत्त हो सकेंगे। से पूर्व उप-निदेशकों के नियमितीकरण के परिणामस्वरूप तदर्थ सहायक निदेशकों को भी वर्ष 2020 की रिक्ति के एवज में नियमित किया जा सकेगा। जब तदर्थ सहायक निदेशक नियमित होंगे, तो तदर्थ वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों की पदोन्नति का रास्ता भी खुलेगा जिसके संबंध में हम नवनियुक्त सचिव महोदय के साथ चर्चा करने जा रहे हैं। ज़ाहिर है, जिन कनिष्ठ अनुवाद अधिकारियों की पदोन्नति की ओर हम कई पोस्टों में संकेत कर चुके हैं,उनकी पदोन्नति भी संभव होगी। कुल मिलाकर, डीओपीटी की सहमति पूरी श्रृंखला को प्रभावित कर रही है।

डीओपीटी में फाइल की गतिविधियों पर एसोसिएशन की नज़रें टिकी थीं क्योंकि हमारा ध्येय ही उचित माध्यम से सबकी पदोन्नति में सहयोगी बनना है। इस कार्य में हमारे पूर्व सचिव सुश्री अनुराधा मित्राजी, वर्तमान सचिव श्री सुमीत जैरथजी ,संयुक्त सचिव डॉ. मीनाक्षी जौलीजी, निदेशक श्री बी.एल. मीनाजी (जिनकी इन दिनों संसदीय राजभाषा समिति के कामकाज के सिलसिले में भी व्यस्तता बनी रही है), अवर सचिव श्री नेह श्रीवास्तवजी के साथ-साथ सेवा अनुभाग का सहयोग अभूतपूर्व रहा है।

तदर्थ उप-निदेशकों से नियमितीकरण के लिए राजभााषा विभाग शीघ्र ही दस्तावेज़ मंगाएगा। काग़ज़ात मिलते ही उनके नियमितीकरण के आदेश जारी हो जाएंगे। आश्वस्त रहें, नीचे के स्तर पर अन्य पदोन्नतियों और नियमितीकरण के लिए भी एसोसिएशन लगातार सक्रिय है ताकि कोई भ्रम न रहे। लॉकडाउन में भी अगर हमसे संबंधित कोई विभाग खुला है और वहां हमारी कोई फाइल लंबित है,तो हम उस अवधि को भी आपके लिए अवसर के रुप में उपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

आगे, कनिष्ठ अनुवाद अधिकारियों की तदर्थ पदोन्नति हमारा पहला लक्ष्य होगा जिन्हें नियमित भी जल्द किया जाएगा।


अन्य संगत लिंकः
http://centralsecretariattranslators.blogspot.com/2019/09/blog-post_27.html


http://centralsecretariattranslators.blogspot.com/2019/12/4.html

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