* *डीओपीटी ने 3 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके उप-निदेशकों को संयुक्त निदेशक के रुप में पदोन्नति देने और 4 वर्ष से अधिक की नियमित सेवा पूरी कर चुके 7 वरिष्ठतम सहायक निदेशकों को उप-निदेशक बनाए जाने के लिए छूट के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी। एसोसिएशन ने पिछले दिनों इस सिलसिले में डीओपीटी की सचिव से मुलाक़ात की थी। * एसोसिएसन ने शेष सहायक निदेशकों की पदोन्नति के मामले को भी निर्णायक सफलता मिलने तक डीओपीटी के समक्ष उठाते रहने का भरोसा दिलाया।

मंगलवार, 3 दिसंबर 2013

निदेशक पद से प्रतिनियुक्ति समाप्त

संवर्ग के लिए यह हर्ष का विषय है कि प्रस्तावित भर्ती नियमों में,निदेशक के 33 प्रतिशत पदों को प्रतिनियुक्ति से भरे जाने का प्रावधान हटा लिया गया है।

गौरतलब है कि इस मुद्दे को लेकर संवर्ग में काफी असंतोष का माहौल था और कई स्तरों पर पूर्व में इसपर विरोध दर्ज कराया गया था। पिछले कुछ वर्षों में,राजभाषा विभाग ने निदेशक के पदों को प्रतिनियुक्ति से भरने के लिए कई बार विज्ञापन भी जारी किए थे किंतु विभाग को कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिला। संयुक्त निदेशक के स्तर पर भी प्रतिनियुक्ति पर आए पदाधिकारी संवर्ग के कार्यों से अवगत न होने के कारण कार्यालय में अपेक्षित योगदान नहीं कर पाते थे जिसे देखते हुए प्रतिनियुक्ति का प्रावधान समाप्त करने के लिए निरन्तर प्रयास किया जा रहा था।

अब इस प्रावधान के हट जाने से,हमारे संवर्ग के संयुक्त निदेशक(राजभाषा) ही शत-प्रतिशत पदोन्नति प्रावधान के तहत निदेशक पद के लिए पात्र होंगे।


2 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय महोदय,

    समय-समय पर काडर से संबंधित नवीनतम गतिविधियों की जानकारी देने के लिए आभारी हूँ। आप थोड़े दिनों के बाद संवर्ग के बारे में नई हलचलों का ब्यौरा देते रहते हैं, इससे सभी के लिए उपयोगी अद्यतन सूचना मिलती रहती है और इसके लिए आप धन्यवाद और साधुवाद के अधिकारी हैं।

    मान्यवर, आपने एक पिछली पोस्ट में सूचित किया था कि भर्ती नियम यूपीएससी द्वारा राजभाषा विभाग को लौटा दिए गए हैं। क्या निदेशक के पदों पर प्रतिनियुक्ति को हटाने का कार्य यूपीएससी के कहने पर किया गया है या राजभाषा विभाग ने अपनी ओर से यह पहल की है? क्या इस संशोधन को यूपीएससी का अनुमोदन मिल गया है? वर्तमान में भर्ती नियमों की क्या स्थिति है, क्या राजभाषा विभाग ने संशोधित भर्ती नियमों को यूपीएससी को भेज दिया है या अभी रा.भा. विभाग में ही इन पर मंथन किया जा रहा है? अगर ऐसी व्यवस्था हो जाती है, तो इससे संयुक्त निदेशकों से लेकर कनिष्ठ अनुवादक तक - सभी को लाभ होगा क्योंकि परिणामी रिक्तियाँ भरी जाएंगी।

    क्या सहायक निदेशक के पद पर DR की भर्ती की जाएगी, अगर हाँ, तो अनुपात कितने प्रतिशत रखा गया है?

    DPC होने के बावजूद अभी तक उप निदेशकों को नियमित करने संबंधी आदेश क्यों जारी नहीं किया गया है?

    तदर्थ निदेशकों को पिछले ढाई साल से रिक्त पड़े उप निदेशकों के पद पर कब पदोन्नत किया जाना है? क्या उन्हें नियमित और पदोन्नत एक-साथ किया जाएगा अथवा नियमितीकरण के बाद पदोन्नत किया जाएगा?

    आपने पिछले एक पोस्ट में सूचित किया था कि वरिष्ठ अनुवादकों को सहायक निदेशक के पद पर पदोन्नत करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है, उसकी अद्यतन स्थिति क्या है?

    आशा ही नहीं, वरन् पूर्ण विश्वास है कि आप अपने व्यस्त समय में कुछ क्षण निकालकर इस बारे में अवगत कराने का कष्ट करेंगे।

    सादर

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  2. उपरोक्त सवालों के जवाब राजभषा से जुडे सभी अनुवादक और अधिकारी जानना चाह्ते हैं. यदि उत्तर मिल जाय तो क्या बात बात।

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