* *डीओपीटी ने 3 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके उप-निदेशकों को संयुक्त निदेशक के रुप में पदोन्नति देने और 4 वर्ष से अधिक की नियमित सेवा पूरी कर चुके 7 वरिष्ठतम सहायक निदेशकों को उप-निदेशक बनाए जाने के लिए छूट के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी। एसोसिएशन ने पिछले दिनों इस सिलसिले में डीओपीटी की सचिव से मुलाक़ात की थी। * एसोसिएसन ने शेष सहायक निदेशकों की पदोन्नति के मामले को भी निर्णायक सफलता मिलने तक डीओपीटी के समक्ष उठाते रहने का भरोसा दिलाया।

गुरुवार, 17 अक्तूबर 2013

कार्यकारिणी की बैठक 24 अक्टूबर को

केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अनुवादक एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक दिनांक 24 अक्टूबर,2013(गुरूवार) को बोट क्लब पर दोपहर 1.30 बजे आयोजित की जा रही है। बैठक में, सीएसओएलएस संवर्ग के साथ अधीनस्थ कार्यालयों के संवर्गेतर राजभाषाकर्मियों की सेवाओं के आमेलन की दिशा में राजभाषा विभाग द्वारा की जा रही त्वरित कार्रवाई सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

कार्यकारिणी के सभी साथियों से अनुरोध है कि वे इस बैठक में समय पर पहुंच कर अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत कराएं ताकि संवर्ग के हितों को ध्यान में रखकर उपर्युक्त मुद्दे पर एसोसिएशन द्वारा अपने पक्ष/दृष्टिकोण से संवर्ग नियंत्रक विभाग को लिखित रूप में अवगत कराया जा सके।

16 टिप्‍पणियां:

  1. परम आदरणीय अध्‍यक्ष महोदय

    सादर प्रणाम

    यह जानकर प्रसन्‍नता हुई कि 24 अक्‍तूबर 2013 को राजभाषा कैडर में अधीनस्‍थ कार्यालय के अनुवादक भाईयों को राजभाषा विभाग द्वारा आमेलित करने संबंधी कार्रवाई पर अनुवादक एसोशियेशन ने तवरित कार्रवाई करते हुए बैठक के आयोजन का निर्णय लिया है । इस संदर्भ में मैं अनुरोध करना चाहंगा कि समस्‍त अधीनस्‍थ कार्यालयों के अनुवादकों के हितों को ध्‍यान में रखते हुए या तो आमेलित करने की इच्‍छा रखें या फिर 25 वर्षों से एक ही पद बैठे अनुवादकों के लिए ऐसी व्‍यवस्‍था कि जाए कि पिछले पच्‍चीस वर्ष में वह पांच के लगभग पदोन्‍नति प्राप्‍त करें यह मैं पहले भी कह चुका हूं कि आप सभी का हमारे सभी साथियों के लिए दायित्‍व भी सामान रुप से बनता है । मेरे विचार में जिस प्रकार की आपात परिस्थितयां बताकर इस बैठक का आयोजन किया जा रहा है उसी तरह अन्‍य समय पर यानि कि 4600/- ग्रेड वेतन /अनुवादकों को सुविधाओं / पदोन्‍नति व्‍यवस्‍था उनपर किए जा रहे अत्‍याचार व शोषण के संबंध में भी बैठकों का आयोजन किया जाए तथा सभी अनुवादक भाईयों को बैठक में सामान रुप से अपने मत को रखने अपना सम्‍मान पाने का भी कह दिया जाए । जो अनुवादक भाई एसोशियेशन से अलग हिन्‍दीं कारणों से अलग हो गए था उन्‍हें भी बात रखने का अवसर प्रदान करें मेरे कुछेक अनुवादक भाई जो आपकी एसोशियेशन अलग हुए हैं तथा जो संघ से बाहर के अनुवादक हैं वह पूरी तरह बुद्धिमान हैं । अत: सभी के विचारों को ध्‍यान में रखें तथा कोर्ट केस की बजाए 4600/- ग्रेड वेनत संबंधी राजनेताओं से संपर्क साधें एकाध सप्‍ताह का समय आपके पास उपलब्‍ध है । शेष आपकी इच्‍छा ।
    सादर सहित आपका
    डा विजय शर्मा

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  2. परम आदरणीय अध्‍यक्ष महोदय

    सादर प्रणाम

    अनुवादक संघ सौरभ आर्य की अध्‍यक्षता में केट में कोर्ट केस करने का निर्णय ले चुके हैं
    इस संदर्भ में आपकी क्‍या राए है

    डा विजय शर्मा

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  3. परम आदरणीय अध्‍यक्ष महोदय

    जानना चाहता हूं कि 4600/- ग्रेड वेतन के संदर्भ में केट का नवीनतम निर्णय आने के बाद क्‍या राजनैतिक प्रक्रिया अपनाने का कोई तुरंत निर्णय लिया गया क्‍यांकि इस निर्णय के बाद किसी भी प्रकार से बाधा नहीं आनी चाहिए माननीय मंत्री मीेदय से भी बात की जा सकती है एसोशियेशन को बात करने से भला कोन रोक सकता है

    सादर सहित
    आपका डा विजय शर्मा

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  4. अधीनस्‍थ कार्यालयों के अनुवादकों को केन्‍द्रीय सचिवालय सेवा में सेवा करना अच्‍छा निर्णय होगा । संख्‍या बल बढ़ने के कारण और अखिल भारतीय स्‍तर पर लागू होने के कारण इसे आगे चलकर अखिल भारतीय राजभाषा सेवा का दर्जा प्राप्‍त हो सकेगा और अनुवादकों की शक्ति, पहचान व महत्‍व में वृद्धि होगी । सभी के लिए (केन्‍द्रीय सचिवालय सेवा के अनुवादकों को भी) पदोन्‍न्‍ाति के अवसरों व गति में वृद्धि होगी । ऐसोसियेशन के संख्‍या बल में वृद्धि होने के कारण व इसके अखिल भारतीय स्‍वरूप होने के कारण इसकी ताकत बढ़ेगी जिससे सभी अनुवादकों को बेहतर वेतन, सुविधाएं व पदोन्‍नति के अवसर प्राप्‍त हो सकेंगे । इससे केन्‍द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा के अनुवादक असुरक्षित महसूस न करें । क्षणिक फायदे के लिए दूरगामी फायदों से वंचित न हों ।

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  5. केन्‍द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा में अधीनस्‍थ कार्यालयों के अनुवादकों को सम्मिलित करना एक अच्‍छा निर्णय है और इसके अच्‍छे दूरगामी परिणाम होंगे । इससे सेवा की संख्‍या बल में वृद्धि होगी और अखिल भारतीय स्‍तर पर अनुवादकों के इसमें शामिल होने के कारण इसे आगे चलकर अखिल भारतीय राजभाषा सेवा का दर्जा प्राप्‍त हो सकेगा । संख्‍या बल में वृद्धि होने के कारण और अखिल भारतीय स्‍तर लागू होने के कारण एसोसियेशन की ताकत बढ़ेगी और सभी अनुवादकों (सचिवालय सेवा के अनुवादकों को भी) को पदोन्‍नति के बेहतरीन अवसर प्राप्‍त होंगे और पदोन्‍नति की गति में तेजी आएगी । अनुवादकों को बेहतर वेतन और सुविधाएं प्राप्‍त होंगी । अनुवादकों की शक्ति, पहचान व महत्‍व में वृद्धि होगी । आज के समय में संख्‍या बल और अखिल भारतीय स्‍वरूप का बहुत महत्‍व है । सचिवालय सेवा के अनुवादक इस निर्णय से अपने आप को असुरक्षित महसूस न करें । आगे चलकर सबसे ज्‍यादा लाभ उन्‍हें ही होगा । क्षणिक लाभ के लिए दूरगामी लाभों से अपने आप को वंचित न करें ।

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  6. परम आदरणीय अध्‍यक्ष महोदय

    सादर प्रणाम

    श्री सत्‍येन्‍द्र पांडे जी के सुझाव सही हैं जैसेकि मैंने पहलेइ ही कहा है कि अनुवादक भाई केवल अपने ही लाभ को न सोंचें जरा तयाग की भावना रखें । हमारे केस में पहले ही बता चुका हूं कि मात्र हायर सेकंडरी पास उप निदेशक प्रशासन के पद पर आसीन है तथा तकनीकी कर्मचारी भी बहुत सी पदोन्‍नतियां पा चुके हैं । मैंने एक भी पदोन्‍नति सन 1989 की नियुक्ति से प्राप्‍त नहीं की है हमारे मंत्रालय का कनिष्‍ठ अनुवादक क्‍योंकि वह विभाग के मुख्‍यालय में 1993 में पदास्‍थापित है आज की तारीख में वह भी उप निदेशक हिंदी का पद पा चुका है और यह गेर राजभाषा सेवा वर्ग की मंत्राालय है पर मैंने क्‍या गुनाह किया है पदोन्‍नति की व्‍यवस्‍था करने के बाद भी पद हिंदी अधिकारी को समाप्‍त कर दिया गया । मुख्‍य कार्यालय में कोई सुनवाई नहीं तथा मंत्रालय में कोई सुनवाई नहीं । मैं पदोन्‍नति की भूखा नहीं क्‍योंकि पांच वर्ष रिटायरमेंट के रह गये हैं और इसमें कुछ भी नहीं होने वाला है । आप से मेरा पुन- अनुरोध है कि राजभाषा विभाग के गैर केडर वाले अनुवादकों को भी शामिल किया जाए । आप सभी को इसमें परेशानी नहीं आनी चाहिए । जो कार्यालय /विभाग/मंत्रालय पूर्णतय: केन्‍द्र सरकार के अधीन आते है उन्‍हें केन्‍द्र सरकार के राजभाषा विभाग की केडर व्‍यवस्‍था में लाने में क्‍या परेशानी है और इस संबंध में केडर से बाहर रखने पर कोर्ट केस भी किया जा सकता है बाकि सभी अपने पेट के लिए करते हैं । कम से कम 4600/- ग्रेड वेतन के लिए कुछ करने के लिए युद्धस्‍तर पर कार्रवाई की जाए तथा केडर संबंध अपनी अंतरात्‍मा की आवाज सुनी जाए प्रार्थनीय है
    डा विजय शर्मा

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  7. इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बैठक आयोजित करने के लिए धन्यवाद

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  8. अध्यक्ष महोदय, आपने इस विषय पर बैठक आयोजित करके बहुत श्रेयस्कर कार्य किया है। आशा है कि जल्द ही बैठक की कार्रवाई के बारे में सूचना साझा करने का कष्ट करेंगे।

    इस संबंध में यह कहना चाहूँगा कि अधीनस्थ कार्यालयों के राजभाषा कार्मिक का केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा संवर्ग में विलय सचिवालय के सेवा के अनुवादकों के लिए हितकारक नहीं होगा।

    इस विलय के पीछे मुख्य दलील यह दी जा रही है कि अधीनस्थ कार्यालयों के अनुवादकों के पास पदोन्नति के अवसर नहीं हैं। सम्भवतः उन्हें यह मालूम नहीं कि CSOLS काडर के अनुवादकों की कनिष्ठ अनुवादक से वरिष्ठ अनुवादक के रूप में पदोन्नति होने में 15-16 वर्ष लग जाया करते थे। इस विलय के परिणामस्वरूप स्थिति और बदतर हो जाएगी।

    अधीनस्थ कार्यालयों के अनुवादकों और CSOLS के अनुवादकों/अधिकारियों के वेतनमान कुछ वर्ष पूर्व तक भिन्न हुआ करते थे। इनकी परीक्षा अभी तक अलग-अलग आयोजित की जाती है।

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  9. अध्‍यक्ष महोदय,
    मैं जानना चाहता हूँ कि क्‍या सीएसओएलएस संवर्ग के सदस्‍य अधीनस्‍थ कार्यालयों के संवर्गेतर कर्मचारियों को अपने संवर्ग में जोडे जाने के पक्ष में हैं या नहीं। अगर नहीं, तो इसके क्‍या संभावित कारण हैं। किस प्रकार से उन्‍हें इस कदम से नुकसान पहुँचेगा
    । मैं इस बात को मानता हूँ कि ऐसे किसी भी निर्णय पर अमल करने से पहले अच्‍छी तरह से सोच-विचार किया जाना चाहिए और यदि इससे कईयों को भला हो सकता है तो ही इसको मूर्त रूप दिया जाना बेहतर होगा। यदि अधिक लोगों को नुकसान पहुँचता हो तो सदैव ऐसे किसी भी निर्णय को सिरे से खारिज कर दिया जाना चाहिए। कृपया मेरी शंकाओं को दूर करें, धन्‍यवाद।

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  10. परम आदरणीय अध्‍यक्ष महोदय

    सादर प्रणाम
    कार्यकारिणी की बैठक दिनांक 24 अक्टूबर,2013(गुरूवार) को बोट क्लब पर दोपहर 1.30 बजे आयोजित की गई बैठक में क्‍या निर्णय लिया गया अवगत करवाने का कष्‍ट करें । आपने अपने बलाग में कभी लिखा था कि एसोशियेशन अपना प्रतिवेदन दूसरी बार प्रस्‍तुत कर चुकी है 4600 ग्रेड वेतन के बारे में ।उसका क्‍या बना । अभी अभी आए निर्णय के संबंध में कोर्ट केस करें या राजनेताओं से मिलें । अन्‍य प्रतिवेदन देने के बारे में अभी मत सोचें यह तो तभी हो सकता है जब व्‍यय विभाग को प्रतिवेदन देने से पूर्व वहां के उच्‍चाधिकारियों से बात करें और जब वह पोजटिव बात करें अन्‍यथा आज की तारीख का एक विक्‍लप राजनेताओं को कागजात दिखाकर निर्देश देने का अनुरोध करें । गलती से भी नया प्रतिवेदन न दें । बनी बनाई बात बिगड जाएगी ।
    आप सभी बुद्धिमान हैं । पहले वकील से परामर्श करें । बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में बलाग पर तुरंत अवगत करवाएं ।
    डा विजय शर्मा

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  11. परम आदरणीय अध्‍यक्ष महोदय

    सादर प्रणाम
    कार्यकारिणी की बैठक दिनांक 24 अक्टूबर,2013(गुरूवार) को बोट क्लब पर दोपहर 1.30 बजे आयोजित की गई बैठक में क्‍या निर्णय लिया गया अवगत करवाने का कष्‍ट करें । आपने अपने बलाग में कभी लिखा था कि एसोशियेशन अपना प्रतिवेदन दूसरी बार प्रस्‍तुत कर चुकी है 4600 ग्रेड वेतन के बारे में ।उसका क्‍या बना । अभी अभी आए निर्णय के संबंध में कोर्ट केस करें या राजनेताओं से मिलें । अन्‍य प्रतिवेदन देने के बारे में अभी मत सोचें यह तो तभी हो सकता है जब व्‍यय विभाग को प्रतिवेदन देने से पूर्व वहां के उच्‍चाधिकारियों से बात करें और जब वह पोजटिव बात करें अन्‍यथा आज की तारीख का एक विक्‍लप राजनेताओं को कागजात दिखाकर निर्देश देने का अनुरोध करें । गलती से भी नया प्रतिवेदन न दें । बनी बनाई बात बिगड जाएगी ।
    आप सभी बुद्धिमान हैं । पहले वकील से परामर्श करें । बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में बलाग पर तुरंत अवगत करवाएं ।
    डा विजय शर्मा

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  12. अध्‍यक्ष ज्ञी दिनेश सिंह जी,

    इस एसोशियेशन से बहुत अपेक्षाएं थीं अनुरोध है कि मतभेद भुलाकर अनुवादकों के हित में अनुवादक मंच द्वारा लिए गए निर्णय पर कार्य करें और निम्‍न पर सोमवार पर अवश्‍य विचार करें मेरे अनुरोध को ठुकराएं मत आप सभ्‍सी का भला होगा बाहर से कोई मदद के लिए नहीं आएगा :-

    अनुवादकों की दूसरी बैठक सफलतापूर्वक संपन्‍न. 29 अक्‍तूबर, 2013 तक एसोसिएशन के उत्‍तर की प्रतीक्षा.
    शुक्रवार दोपहर (25 अक्‍तूबर, 2013) को अनुवादकों की दूसरी बैठक सफलतापूर्वक संपन्‍न हुई. संवर्ग के लगभग 45-50 अनुवादकों की मौजूदगी में हुई इस बैठक में कनिष्‍ठ अनुवादकों हेतु 4600 रू ग्रेड वेतन संबंधी मामले पर एक बार फिर विस्‍तार से चर्चा की गई. इस चर्चा के दौरान एक दिन पूर्व 24 अक्‍तूबर को एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक में विभाग को एक और रिप्रेजेंटेश भेजने हेतु लिए गए एसोसिएशन के फैसले पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया. आज की बैठक में भी एसोसिएशन के पदाधिकारियेां को भी आमंत्रित किया गया था परंतु एसोसिएशन का कोई प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हुआ. तमाम पहलुओं पर चर्चा के उपरांत बैठक में मौजूद सभी सदस्‍यों ने सर्वसम्‍मति से कुछ महत्‍वपूर्ण फैसले लिए गए. जो इस प्रकार हैं :

    1. परिस्थितियों को देखते हुए 4600 ग्रेड वेतन मामले में एसोसिएशन सरकार को कोई रिप्रेजेंटेशन न दे. और शीघ्रातिशीघ्र, जनवरी में राजभाषा विभाग को सौंपे गए प्रतिवेदन के खारिज होने के संदर्भ में विभाग से लिखित उत्‍तर प्राप्‍त किया जाए.

    2. इस मामले का समाधान केवल न्‍यायालय के माध्‍यम से हो सकता है अतएव बिना समय गंवाए अगले सप्‍ताह में ही कैट में केस दायर किया जाए.

    3. यह केस एसोसिएशन के नाम पर ही दायर किया जाए तो बेहतर होगा. यदि एसोसिएशन इस बात से सहमत नहीं होती है तो अनुवादकों द्वारा स्‍वतंत्र रूप से अगले सप्‍ताह में ही केस फाइल कर दिया जाएगा.

    बैठक के उपरांत, कुछ अनुवादकों ने एसासिएशन के अध्‍यक्ष श्री दिनेश कुमार से मुलाकात कर उन्‍हें अनुवादकों के हस्‍ताक्षरों के साथ बैठक में लिए गए निर्णयों वाला पत्र सौंपा और बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार एसोसिएशन को दिनांक 29.10.2013 (मंगलवार) तक अपने निर्णय से अवगत कराने का अनुरोध किया. एसोसिएशन को मंगलवार तक का समय दिए जाने से हमारे कार्य की गति में व्‍यवधान तो आया है परंतु अगर इस कार्य में एसोसिएशन का सहयोग भी अनुवादकों को प्राप्‍त हो तो इससे श्रेयस्‍कर कार्य कुछ न होगा. बैठक की शुरूआत में ही इस बात को स्‍पष्‍ट किया गया था कि अनुवादकों का यह प्रयास एसोसिएशन के विरूद्ध नहीं है और यही अपेक्षा हम एसोसिएशन से भी करते हैं कि वह जनभावनाओं का आदर करे और उनके प्रयासों को कमजोर करने के बजाए उनकी मदद करे.

    आज की बैठक में अंशदान की प्रक्रिया भी प्रारंभ की गई. प्रति व्‍यक्ति 1000 रू का अंशदान फिलहाल निम्‍नलिखित प्रतिनिधियों तक पहुंचाया जा सकता है. जल्‍द ही अन्‍य क्षेत्रों/भवनों के लिए अंशदान संग्रह करने वाले प्रतिनिधियों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे.

    *श्रीमती विशाखा बिष्‍ट, राजस्‍व विभाग, नॉर्थ ब्‍लॉक
    *सुश्री पूनम विमल, कृषि मंत्रालय, कृषि भवन
    *श्री सौरभ आर्य, वस्‍त्र मंत्रालय, उद्योग भवन
    *श्री दीपक डागर, आर्थिक कार्य विभाग, नॉर्थ ब्‍लॉक
    *श्री ओमप्रकाश कुशवाहा, रक्षा मंत्रालय
    * श्री मणिभूषण, पर्यावरण मंत्रालय

    बैठक में भाग लेने वाले सभी साथियों का आभार....आज इतनी भारी संख्‍या में प्रतिभागिता यकीनन उत्‍साह को बढ़ाने वाली थी. शुक्रिया उन सब का भी जो मजबूरियों के कारण आ तो न सके मगर संदेशों द्वारा इस प्रयास को अपना समर्थन दिया. आशा है संवर्ग के सभी अनुवादक अपने पूर्वाग्रहों को त्‍याग कर इस प्रयास में मदद करेंगे. याद रहे अपने लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए ये आखिरी मौका है. हमें एक लंबी लड़ाई लड़नी है जिसे हम मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे.

    सादर सहित
    डा विजय शर्मा

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  13. परम आदरणीय श्री दिनेश सिंह अध्‍यक्ष महोदय जी

    अनुवादक मच पर अपने साथी भाई जोश के निम्‍न विचार हैं जोकि समस्‍त साथियों के साथ होने वाले विचार है अनुरोध है कि इन पर विशेष ध्‍यान दिया जाए व अनुवादकों से अनुवाद के अतिरिक्‍त कोई कार्य न लिया जाए ऐसे अनुदेश मंत्री महोदय से जारी करवाए जाएं ।

    मेरे प्रिय सभी कनिष्ठ हिंदी अनुवादक भाइयों जो भारत सरकार के अधीनस्थ कार्यालयों में कार्यरत है उनकी दुर्दशा के विषय मैं मैं आपका ध्यान बटाना चाहता हूँ ,उनकी स्नातकोत्तर डिग्री होने के बावजूद उनसे उनके पद के कार्य को कम महत्वपूर्ण समझते हुए अधिकारीयों के द्वारा उनको अपमानित किया जाता हैं एवं उन्हें लिपिकीय कार्यों में कहीं मौखिक एवं कहीं कहीं तो लिखित आदेश देते हुए लगा दिया जाता हैं क्या ये राजभाषा सम्बन्धी नियमों का खुला उल्लंघन नहीं हैं ? क्या इस मंच पर कभी इस बाबत चर्चा हुई हैं ? राजभाषा सम्बन्धी नियमों की इन कार्यालयों में सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं तथा यहाँ तक की फाइलों मैं भी हिंदी ट्रान्सलेटर को लिखित रूप मैं कार्यालय सहायक कह कर संबोधित किया जा रहा हैं तथा उनके इतने महत्वपूर्ण कार्य को गौण समझा जा रहा हैं

    एक तरफ तो जूनियर हिंदी ट्रांसलेटरों को कई विभागों मैं को पदोन्नति का हक मिल नहीं रहा क्योंकि उसके लिए सारा promotional channel ब्लॉक्ड हैं परन्तु क्या उन्हें दफ्तरों मैं कोई सम्मानजनक भूमिका नहीं दी जा सकती?
    जब भारत सरकार मैं कई स्थानों पर lower Post का अधिकारी /कर्मचारी higher Post vacant होने पर officiating में कार्य कर सकते हैं तो हिंदी के पदों के विषय में ऐसा क्यों हैं क्यों हिंदी के कर्मचारी को matriculation based लिपिकीय कार्यों मैं पहले मदद के नाम पर लगाया जाता हैं एवं बाद में उसे एक असिस्टेंट की तरह assume कर लिया जाता हैं ? मैं चाहूँगा की इस मंच पर वेतनमान जैसे मसले के अलवा इस पर भी विचार

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    1. यह एक महत्वपूर्ण मु्द्दा है। हम इस पर आवश्यक पहल करने जा रहे हैं।

      हटाएं
  14. परम आदरणीय श्री दिनेश सिंह अध्‍यक्ष महोदय जी
    पुन: अनुरोध है कि कम से कम मेरी आयु का ध्‍यान रखें व निम्‍न पर विशेष ध्‍यान दें आनकी मेहरबवनी होगी । हम सब एक हैं व अपने हक के लिए मतभेद भुला दें ।
    डा विजय शर्मा
    अनुवादकों के प्रस्‍ताव पर एसोसिएशन से कोई उत्‍तर नहीं. अब आगे बढ़ना होगा हमें.
    मित्रो, एसोसिएशन से उम्‍मीदें अब छोड़नी होंगी. 25 अक्‍तूबर को हुई बैठक के बाद एसोसिएशन को अवगत कराया गया था कि अनुवादक चाहते हैं कि यह केस अनुवादक एसोसिएशन के नाम से दर्ज हो. दूसरा, एसोसिएशन राजभाषा विभाग से तत्‍काल जनवरी, 2013 में सौंपे गए प्रतिवेदन पर रिजेक्‍शन लैटर प्राप्‍त करे. रिजेक्‍शन लैटर के लिए पहले शुक्रवार का दिन तय था मगर उस दिन अध्‍यक्ष महोदय किसी आवश्‍यक कार्य का हवाला देकर राजभाषा विभाग न चल सके. फिर सोमवार दोपहर पूर्व का समय तय किया गया. कई लोगों की मौजूदगी में तय हुआ था कि अध्‍यक्ष महोदय सोमवार दोपहर पूर्व हमारे साथ राजभाषा विभाग चलेंगे. मगर हमारे बार-बार संपर्क कर चलने की बात कहने के बावजूद वे बिना किसी को सूचित किए राजभाषा विभाग गए. मगर आज अभी तक हमारे पास राजभाषा विभाग का रिजेक्‍शन लैटर नहीं पहुंचा है. यहां तक कि एसोसिएशन द्वारा अभी तक विभाग को लिखित में कोई रिमाइंडर तक नहीं दिया गया है. अध्‍यक्ष महोदय से जब जब हम किसी विषय पर बात करते हैं वे मजबूर नज़र आते हैं. ये उनके संगठन के भीतर की मजबूरियां है अथवा उन पर कोई बाहरी दबाव हैं....वे ही जानते हैं जोकि वे कभी भी निर्णय ले पाने की स्थिति में नहीं होते है.

    25 अक्‍तूबर को उन्‍हें अनुवादकों द्वारा पारित निर्णयों से अवगत कराने के उपरांत से हो रहे घटनाक्रम को देखते हुए कोऑर्डीनेशन कमेटी ने महसूस किया कि इस प्रकार यदि एसोसिएशन आज जनता के दबाव को देखते हुए केस फाइल करने के लिए तैयार भी हो गई तो भविष्‍य में भी इसी प्रकार की लचर कार्यप्रणाली के चलते हम कैसे भरोसा कर सकते हैं कि हमारे एसोसिएशन के साथी इस केस के साथ न्‍याय कर पाएंगे ? तमाम अदृश्‍य विवशताओं, दबावों और लंबे प्रोटोकोल में उलझे हमारे साथी कैसे इस कार्य को अंजाम तक पहुंचाएंगे हमारी समझ से परे था. यह गंभीर प्रश्‍न था. जिस पर अनुवादकों की कोऑर्डीनेशन कमेटी ने आपस में विचार विमर्श के उपरांत निर्णय लिया कि अध्‍यक्ष महोदय से आग्रह किया जाए कि यदि वे सैद्धांतिक रूप में एसोसिएशन के नाम से केस लड़ने के लिए सहमत हों तो (कल दोपहर तक एक बैठक में वे सहमत नहीं थे) अनुवादकों की कोऑर्डीनेशन कमेटी के दो सदस्‍यों को अधिकार पत्र देकर इस केस में औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए अधिकृत कर दें. ताकि केस एसोसिएशन के नाम से ही रजिस्‍टर हो, संवर्ग में एक अच्‍छा संदेश जाए और केस में सारी मेहनत अनुवादक स्‍वयं करेंगे. इस प्रस्‍ताव पर अध्‍यक्ष महोदय को कल शाम 5 बजे तक हमें उत्‍तर देना था मगर अफसोस की बात है कि अभी तक कोई उत्‍तर नहीं दिया गया है. न ही इस संबंध में प्रेषित संदेश का कोई उत्‍तर मिला है. यह पहले ही स्‍पष्‍ट कर दिया गया था कि यदि कोई उत्‍तर नहीं मिला तो इसे आपकी ना ही समझा जाएगा.

    25 तारीख को अपनी भली-भांति चल रही कार्रवाई को विराम देकर तब से अब तक हम एसोसिएशन का मुंह ताक रहे थे. नतीजा ढ़ाक के तीन पात ही रहा. अब और इंतजार कर समय बर्बाद नहीं किया जा सकता.

    इसलिए तय रहा कि कल से हमारी कोऑर्डीनेशन टीम फिर से काम पर जुट रही है.

    हमें अभी भी एसोसिएशन से कोई शिकायत नहीं है. अनुवादक इस कार्य को करने के लिए सक्षम हैं और वे इसे बिना किसी संदेह के पूरा भी करेंगे. आपसे विनती है कि रिजेक्‍शन लैटर जैसे कार्य जो केवल एसोसिएशन ही कर सकती है पूरा करने का कष्ट करें. हम आपके आभारी होंगे. हमें आशा है कि छोटी-मोटी औपचारिकताओं में जहां एसोसिएशन की आवश्‍यकता होगी एसोसिएशन हमारी मदद करेगी.
    चलिए मित्रो सब कुछ भूल कर जुट जाते हैं लक्ष्‍य पर !!!

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  15. अध्‍यक्ष श्री दिनेश सिंह जी

    बडे भाई की रोल करते हुए अनुवादक संघ से सीधी बातचीत करके मामले को मानवीय ढंग से सुलझाएं
    हाथ में आए अवसर को मत जाने दो । बार-बार अनुरोध करने पर तो प्रमात्‍मा भी झुक जाता है । दिल बडा होना चाहिए । मेरे अनुरोध को ठुकराओ मत

    डा विजय शर्मा

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अपनी पहचान सार्वजनिक कर की गई आलोचना का स्वागत है। किंतु, स्वयं छद्म रहकर दूसरों की ज़िम्मेदारी तय करने वालों की और विषयेतर टिप्पणियां स्वीकार नहीं की जाएंगी।