मित्रो,
संवर्ग में उप-निदेशकों के पदों को भरने का रास्ता साफ हो गया है। विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, डीओपीटी ने इस संबंध में राजभाषा विभाग के प्रस्ताव को मान लिया है। गौरतलब है कि संवर्ग में उप-निदेशक (राजभाषा) के पचास से भी अधिक पद खाली हैं जिसके कारण कामकाज को सुचारू बनाए रखने में व्यावहारिक कठिनाइयां आ रही थीं और विभिन्न मंत्रालयों/विभागों से इन पदों को भरने के लिए लगातार पत्र राजभाषा विभाग को प्राप्त हो रहे थे। इन पदों को भरने के लिए प्रस्ताव डीओपीटी को कुछ माह पूर्व भेजे गए थे क्योंकि कुछ महीनों की छूट की आवश्यकता थी जिसपर निर्णय डीओपीटी को लेना था। प्रस्ताव डीओपीटी को भेजे जाने के साथ ही एसोसिएशन ने अपने स्तर से भी भरपूर प्रयास किए ताकि प्रस्ताव पर अनुमोदन सुनिश्चित किया जा सके। इसी क्रम में, नए साल में डीओपीटी के अपर सचिव और माननीय मंत्रीजी से मुलाक़ात की गई थी। प्रत्येक मुलाक़ात में एसोसिएशन के प्रति रुख़ सकारात्मक रहा, सभी संबंधितों ने माना कि विगत में राजभाषा कर्मियों के प्रति न्याय नहीं हुआ है। नतीज़ा है आज की यह ख़बर।![]() |
शीघ्र होने जा रही इस पदोन्नति का प्रभाव पूरे संवर्ग पर पड़ेगा और अन्य साथियों के लिए भी पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा अर्थात् सहायक निदेशक और वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी के स्तर पर भी रिक्ति सृजित होगी और पात्र कर्मी पदोन्नत हो सकेंगे। मौजूदा वरिष्ठतम सहायक निदेशकों की पदोन्नति की सूचना मात्र से पूरे संवर्ग में उल्लास और उत्साह का संचार हुआ है और कई एसटीओ साथियों ने भी आगे की स्थिति जानने के लिए अधिकारी एसोसिएशन से संपर्क साधा है। आप अवगत ही हैं कि अधिकारी एसोसिएशन का प्रयास सदैव पूरे संवर्ग के कल्याण का रहा है। नेकनीयती से किए गए तमाम प्रयासों को संवर्ग के अधिकारियों तथा अन्य संबंधितों का सहयोग भी मिलता रहा है जिसके प्रति एसोसिएशन सदैव कृतज्ञ है।


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