मित्रो,
हमारे सचिव श्री सुमीत जैरथजी का राजभाषा विभाग में कार्यकाल शानदार उपलब्धियों भरा रहा है. बरसों बाद, विभाग को उनके रूप में एक ऐसा अभिभावक मिला जिन्होंने संवर्ग के कल्याण के लिए फाइलों के निष्पादन में लगातार व्यक्तिगत रूचि ली जिसके कारण हर स्तर पर कार्य-निष्पादन में तेजी आई और संवर्ग में कई महत्वपूर्ण निर्णय समय रहते लिए जा सके. इनमें स्मृति-आधारित कंठस्थ और 12 “प्र” के माध्यम से हिंदी के उन्नयन हेतु प्रयास विशेष उल्लेखनीय हैं. वे पहले सचिव रहे जिन्होंने कोविड काल में भी विभिन्न कार्यालयों में बैठकों और कार्यशालाओं में अपनी उपस्थिति बनाए रखी.उनके प्रयासों के कुछ और सद्परिणाम निकट भविष्य में हमारे समक्ष होंगे.
संवर्ग को उन जैसे असाधारण व्यक्तित्व की नितान्त आवश्यकता थी. अधिवर्षिता के कारण आज वे औपचारिक रूप से विदा भले ही ले रहे हों, किंतु अपनी ऊर्जस्विता और सदिच्छा के कारण वे सदैव हमारी स्मृतियों में रहेंगे.
आज सचिव महोदय की अधिवर्षिता का यह दिन उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का सुअवसर है. सभी साथियों से निवेदन है कि सचिव महोदय की सेवानिवृत्ति को यादगार बनाने के लिए आज मुख्यालय परिसर में अपराह्न 5 बजे एकत्रित हों. यह सचिव महोदय के लिए भी गर्व का क्षण होगा.
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