मित्रो,
इस ब्लॉग पर 2 और 5 मई,2020 की पोस्टों के माध्यम से हमने आपको जानकारी दी थी कि राजभाषा विभाग वर्ष 2019 की रिक्ति के लिए तदर्थ उप-निदेशकों के नियमितीकरण के प्रति गंभीर है। विभाग ने 5 मई को जारी ज्ञापन के माध्यम से 58 तदर्थ उप-निदेशकों से सतर्कता निकासी और पिछले दस वर्षों की शास्ति संबंधी प्रमाणपत्र 20 मई,2020 तक विभाग को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया थाः
सूचित करना है कि विभाग को अब तक केवल 48 तदर्थ उप-निदेशकों के काग़ज़ात प्राप्त हुए हैं, यानी दस के अब भी लंबित हैं-
सर्वश्री/सुश्री
1.बीर विक्रमजीतः खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
2. शिशिर शर्माः संस्कृति मंत्रालय
3. कमलेश कुमार सिंहः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
4. राजेन्द्र बालीः युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय
5. किरण घिल्डियालः राजस्व विभाग
6. हरीश चन्द्र केरापाः मुख्य श्रमायुक्त कार्यालय
7. प्रेमलता नारंगः हस्तशिल्प विकास आयुक्त कार्यालय
8. आनंद भोईः वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग
9. मुस्तफा हुसैनः पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग
10. मनोज कुमार सिन्हाः संस्कृति मंत्रालय
यह देखते हुए कि ख़ासकर बंदमुक्ति काल में तमाम दफ़्तरों में प्रशासन और हिंदी अनुभाग खुले हुए हैं, नियमितीकरण के लिए दस्तावेज़ उपलब्ध कराने में हो रही देरी खेदजनक है क्योंकि इसका तदर्थ उप-निदेशकों की अगली पदोन्नति से सीधा संबंध है। उनके नियमितीकरण के बाद तदर्थ सहायक निदेशकों का नियमितीकरण भी किया जाना है। इससे राजभाषा विभाग के दिनांक 20 सितम्बर,2019 को कार्यालय ज्ञापन में शामिल किंतु पदोन्नति न पा सके कई वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों की सहायक निदेशक के रुप में पदोन्नति का रास्ता भी खुलने की संभावना हैः
रिक्तियों की गणना आसान होगी और कनिष्ठ साथी भी वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी के रुप में पदोन्नत हो सकेंगे।
अतः, सभी संबंधित तदर्थ उप-निदेशकों से अनुरोध है कि कृपया शीघ्रता करें और वांछित दस्तावेज़ विभाग को तुरंत उपलब्ध कराएं ताकि विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक हो सके।
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